...

7 views

वस्ल की चाह
हां,,मै भी इक रोज खुद को बेहद सजाऊँगी,,,
फलक के अंजुम,,अपनी ओढनी मे लगाऊंगी,,

माहताब से उधार लेकर,,उसकी सफाक रौशनी,,
उसके नूर से,,,मासुम चेहरा अपना चमकाऊँगी,,

सुरमई...