तक़लिफे..
तक़लिफ़े जो होती हैं, वो हमें भुलाने के लिए होती हैं ैंजिंदगी में जब बिछड़ते हैं, तब ये यादें अब रूह में बस जाती हैं।
जब हम मिलते हैं, तो उन तक़लिफ़ों की यादें खो जाती हैं
हमारी आँखों में देखो तो खुशियों की तलाश में वो यादें खो जाती हैं।
तक़लिफ़ों से भरी ये जिंदगी तुम्हारे साथ जी लेना चाहता...