एक नादान सी औरत
एक नादान सी औरत,,,
दिमाग से पूरी तरह खाली पर दिल की बड़ी अमीर थी वो,
खुद हंसती औरों को भी हंसाती थी वो
जिन लोगों को अपना समझती थी, उन पर खूब प्यार लूटाती थी वो
मूर्खतापूर्ण और मासूम सी बातों से खुशियों की फुहार बिखराती थी वो
खुद में मस्त और अपनों पर जां लुटाती थी वो
कभी उसने मांगा नहीं किसी से थोड़ा सा भी स्नेह,...
दिमाग से पूरी तरह खाली पर दिल की बड़ी अमीर थी वो,
खुद हंसती औरों को भी हंसाती थी वो
जिन लोगों को अपना समझती थी, उन पर खूब प्यार लूटाती थी वो
मूर्खतापूर्ण और मासूम सी बातों से खुशियों की फुहार बिखराती थी वो
खुद में मस्त और अपनों पर जां लुटाती थी वो
कभी उसने मांगा नहीं किसी से थोड़ा सा भी स्नेह,...