मुझे मेरे गांव से जुड़ी हर बात याद आती है!
अपने संस्कारों के जड़ों की बिसात याद आती है, मुझे मेरे गांव से जुड़ी हर बात याद आती है!
चहरदीवारी में कैद एक बहुत पुराना घर था, अधगिरि दीवारें, टपकती छत फिर भी सुंदर था ! गांव खट्टी मीठी यादों का एक सुहाना सफर था, विदेश सा लगता गांव से सटा जो शहर था! हवा के झोंके और रिमझिम बरसात याद आती है, मुझे मेरे गांव से जुड़ी हर बात याद आती है!
हर घर के आंगन में एक रंगीन फुलवारी थी, शुद्ध हवा और मिट्टी की खुशबू भी प्यारी थी ! गरीबी भी थी और काफी हद तक बेरोजगारी थी, फिर भी ना जाने क्यों गांव की बात ही न्यारी थी ! मिट्टी से जुड़ा ना था और अपनी औकात याद आती है, मुझे मेरे गांव से जुड़ी हर बात याद आती है!
मुझे भाता था मोर पपीहे का एक स्वर में बोलना, एकत्रित आवाजों का मधुर रस मौसम में घोलना ! अलसुबह सूर्य देव का रक्तरंजित नेत्रों को खोलना, अपनी किरणरूपी हथेलियों...
चहरदीवारी में कैद एक बहुत पुराना घर था, अधगिरि दीवारें, टपकती छत फिर भी सुंदर था ! गांव खट्टी मीठी यादों का एक सुहाना सफर था, विदेश सा लगता गांव से सटा जो शहर था! हवा के झोंके और रिमझिम बरसात याद आती है, मुझे मेरे गांव से जुड़ी हर बात याद आती है!
हर घर के आंगन में एक रंगीन फुलवारी थी, शुद्ध हवा और मिट्टी की खुशबू भी प्यारी थी ! गरीबी भी थी और काफी हद तक बेरोजगारी थी, फिर भी ना जाने क्यों गांव की बात ही न्यारी थी ! मिट्टी से जुड़ा ना था और अपनी औकात याद आती है, मुझे मेरे गांव से जुड़ी हर बात याद आती है!
मुझे भाता था मोर पपीहे का एक स्वर में बोलना, एकत्रित आवाजों का मधुर रस मौसम में घोलना ! अलसुबह सूर्य देव का रक्तरंजित नेत्रों को खोलना, अपनी किरणरूपी हथेलियों...