सुशांत सिंह राजपूत
खो गया तू इस क़दर इस जहां में
की तुझे ढूंढ पाना अब मुमकिन नहीं है,
खो दिया हमने एक और सितारा
और अब उसकी जगह कुछ भी नहीं है ।
अभी इस सितारे को और चमकना था
आसमां की हर उचाई को उसे नापना था,
पर वो जो इतनी दूर चला...
की तुझे ढूंढ पाना अब मुमकिन नहीं है,
खो दिया हमने एक और सितारा
और अब उसकी जगह कुछ भी नहीं है ।
अभी इस सितारे को और चमकना था
आसमां की हर उचाई को उसे नापना था,
पर वो जो इतनी दूर चला...