...

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ये उम्र बगैर तेरे
डर डर के सही , बात दिल की बताई तो थी।।
ये उमर बगैर तेरे बिताई तो थी।।

इस बहाने ही सही की कोई दोस्त है मेरा।।
उसने हाथ मुझसे मिलाई तो थी।।

ये और बात है कि सुन के अनसुना किया तूने।
ये दिल ने तुम्हे आवाज लगाई तो थी।।

किसने कहा तुमसे ,की मैं तन्हा रहा अब तक।।
तू न सही तेरी याद आई तो थी।।

बाद उसके जाने वक़्त क्यों रूठ सा गया।।
ज़िन्दगी साथ मेरे पहले मुस्कुराई तो थीं।

जिया तो हमने भी अब तक इक रस्म जैसे। योगेश।
वफ़ा न सही तेरी बेवफाई तो थी।।

ये उमर बगैर तेरे.......

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..❤️❤️❤️ योगेश योगी ✍️✍️✍️✍️
© © @yogeshyogi22390