...

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तुम बिन .....
ख्यालों की दुनिया में तुम्हारा ही बसेरा है;
हर तस्वीर में अब तुम्हारा ही नजारा है;
तीव्र प्रवाह से बह रहा जीवन जल धारा में,
किनारा पाने को अब तुम्हारा ही सहारा है।

तुम बिन जैसे चंदन बिन पानी,
कैसे सज जाऊं मस्तक पर;...