...

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सपनें
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम्हें है इंतजार किसका
स्वागत करो तुम आने वाले हर पल का
वक़्त नहीं रुकेगा किसी के लिये यहां
तुम्हें ही करने होगें अपनें,सपनें साकार