लगन
लगन जो बाकी दिल में तेरे
चल तू फिर थोड़ा तो सफ़र में
मुश्किल है जो भी सारी तेरी
होगी खत्म लड़ के सफ़र में
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
होंसला रख लें तू तो इतना
कट जाएं पंख फिर भी है उड़ना
जो भी दुनिया तोहमत लगाएं
फिर भी तुझको सफ़र में ना रूकना
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
ऊंची ऊंची मंजिल है देखो
पर क्यों डरना है इससे तुमको
जो भी ख्वाब है दिल में तेरे
याद रखना हर पल उनको
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
तुझसा कोई यहां नहीं है
ऐसा दिल को समझा दे तू तो
जितने भी ग़म है दिल में तेरे
देख के मंजिल भूला दे तू तो
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
डूबी हुई जिंदगी है तेरी
साहिल भी मिल जाएगा इक दिन तुझको
निराशा से तू ना कभी हारना रे
जीत की आशा जिताएंगी तुझको
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
दरिया बनाके उम्मीदों का तुम
रखना दिल में हरदम उसको
वज़ह ना ढूंढ ऐसी कोई
जो कर दें दूर मंजिल से तुझको
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
पल जो भी है टूटा यारा
याद ना करना इसको दोबारा
रहनुमा तू है खुद का ही खुद जो
राह पे चलके पूरा कर दें ख्वाब सारा
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
आंखों में तेरी मंजिल है रोशन
जो देती है खुशियां दिल में हर क्षण
ना डरना तू तो ओ बंदेया
पहरा देदे नूर ए खुदा हर क्षण
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
हारा तू नहीं है अकेला
देखो हारे कितने हैं सारे
हार से जो ना हारे बंदेया
करता मुकम्मल ख्वाब वो सारे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
ज़ुल्म करें जितने भी दुनिया
तू ना रोना खुदा के बंदेया
खुशियां देख ले तू तो दिल में
नज़र फेर लें ग़म से बंदेया
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
मिल जाएं तुझको आग का दरिया
फिर भी तुझको पार है करना
उम्मीदें सारी खुद से है जितनी
सभी को पूरा तुझको है करना
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
शीशे की तरह ना टूट कभी तू
टूट भी जाएं तो जुड़ना है तुझको
लगें जो दूर मंजिल यारा
तो चलना है ज्यादा हर दिन तुझको
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
ज़ेहन में हार का नाम ना आएं
सफ़र ये रातों का मंजिल दिलाएं
जागी जागी रातों से तू
सुबहा को रोशन कर के बताएं
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
खौंफ ए दुनिया मत रख ओ बंदेया
लगा के आग कामयाबी की जला दें दुनिया
-उत्सव कुलदीप
© utsav kuldeep
चल तू फिर थोड़ा तो सफ़र में
मुश्किल है जो भी सारी तेरी
होगी खत्म लड़ के सफ़र में
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
होंसला रख लें तू तो इतना
कट जाएं पंख फिर भी है उड़ना
जो भी दुनिया तोहमत लगाएं
फिर भी तुझको सफ़र में ना रूकना
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
ऊंची ऊंची मंजिल है देखो
पर क्यों डरना है इससे तुमको
जो भी ख्वाब है दिल में तेरे
याद रखना हर पल उनको
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
तुझसा कोई यहां नहीं है
ऐसा दिल को समझा दे तू तो
जितने भी ग़म है दिल में तेरे
देख के मंजिल भूला दे तू तो
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
डूबी हुई जिंदगी है तेरी
साहिल भी मिल जाएगा इक दिन तुझको
निराशा से तू ना कभी हारना रे
जीत की आशा जिताएंगी तुझको
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
दरिया बनाके उम्मीदों का तुम
रखना दिल में हरदम उसको
वज़ह ना ढूंढ ऐसी कोई
जो कर दें दूर मंजिल से तुझको
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
पल जो भी है टूटा यारा
याद ना करना इसको दोबारा
रहनुमा तू है खुद का ही खुद जो
राह पे चलके पूरा कर दें ख्वाब सारा
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
आंखों में तेरी मंजिल है रोशन
जो देती है खुशियां दिल में हर क्षण
ना डरना तू तो ओ बंदेया
पहरा देदे नूर ए खुदा हर क्षण
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
हारा तू नहीं है अकेला
देखो हारे कितने हैं सारे
हार से जो ना हारे बंदेया
करता मुकम्मल ख्वाब वो सारे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
ज़ुल्म करें जितने भी दुनिया
तू ना रोना खुदा के बंदेया
खुशियां देख ले तू तो दिल में
नज़र फेर लें ग़म से बंदेया
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
मिल जाएं तुझको आग का दरिया
फिर भी तुझको पार है करना
उम्मीदें सारी खुद से है जितनी
सभी को पूरा तुझको है करना
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
शीशे की तरह ना टूट कभी तू
टूट भी जाएं तो जुड़ना है तुझको
लगें जो दूर मंजिल यारा
तो चलना है ज्यादा हर दिन तुझको
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
ज़ेहन में हार का नाम ना आएं
सफ़र ये रातों का मंजिल दिलाएं
जागी जागी रातों से तू
सुबहा को रोशन कर के बताएं
लगन जो बाकी दिल में तेरे
लगन जो बाकी दिल में तेरे
खौंफ ए दुनिया मत रख ओ बंदेया
लगा के आग कामयाबी की जला दें दुनिया
-उत्सव कुलदीप
© utsav kuldeep
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