...

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चाय के दीवानों को पेश ए ख़िदमत हैं
मानो तो एक राय है,
इश्क़ से बेहतर चाय है

मेरी आँखों से आंखें मिलाकर कहो,
जो भी कहना है चाय पिलाकर कहो

अब अदरक इलायची की ज़रूरत कहाँ मुझे,
एक तेरा नाम लेते हैं और ये चाय महक जाती है

कभी मीठी, कभी फ़ीकी , कभी गर्म, कभी ठंडी
ये ज़िन्दगी हूबहू चाय सी है

चाय अदरक वाली
मुहब्बत झुमके वाली

लफ्ज़ अलग अलग हैं ज़ज्बात वही है,
चाय कहो या मुहब्बत बात वही है॥

आज अन्तरराष्ट्रीय चाय दिवस है तो सोचा आज "चाय" से अच्छा विषय और क्या हो सकता है?

और ये अशआर मेरे नहीं है