~ जगदम्बे मां ~
ऊंचा तेरा भवन है मां, मैं चढ़ आऊंगा कैसे ??
बड़ी ऊंची तेरी महिमा प्यारी, तुझे पाऊंगा मैं कैसे?
©®@Devideep3612
बच्चा हूं मां मैं तो अब भी, समझूंगा तुझे कैसे?
हे जगदम्बा, तु है जननी, मैं मुरख पहचानूंगा कैसे?
कर मुराद मेरी मन की पूरी, पूर्णता की तु है देवी,
मैं बालक हूं अज्ञ माते, तेरे चरणों का हूं सेवी ।
©®@Devideep3612
तु कृपा करें जो 'दीन' पर, वो तो धनी ही कहलाएं ।
कुटिल बड़ी है देखो दुनियां, कैसे हमें है बहलाएं ।
मात भवानी कृपा करें, हम तेरी शरण को आए है,
तु है दुर्गा तु है काली, हम तेरे भक्त पुजारन है ।
©®@Devideep3612
बड़ी ऊंची तेरी महिमा प्यारी, तुझे पाऊंगा मैं कैसे?
©®@Devideep3612
बच्चा हूं मां मैं तो अब भी, समझूंगा तुझे कैसे?
हे जगदम्बा, तु है जननी, मैं मुरख पहचानूंगा कैसे?
कर मुराद मेरी मन की पूरी, पूर्णता की तु है देवी,
मैं बालक हूं अज्ञ माते, तेरे चरणों का हूं सेवी ।
©®@Devideep3612
तु कृपा करें जो 'दीन' पर, वो तो धनी ही कहलाएं ।
कुटिल बड़ी है देखो दुनियां, कैसे हमें है बहलाएं ।
मात भवानी कृपा करें, हम तेरी शरण को आए है,
तु है दुर्गा तु है काली, हम तेरे भक्त पुजारन है ।
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