“Pata Nahi Kyun”
पता नही क्यूं...
दिल दुखता है
जब भी तन्हा होती हूँ
पता नही क्यूं...
आंख है भरती
जब भी दिल ये
रोता है
पता नही क्यूं...
आस है...
दिल दुखता है
जब भी तन्हा होती हूँ
पता नही क्यूं...
आंख है भरती
जब भी दिल ये
रोता है
पता नही क्यूं...
आस है...