यकीन
यकीन तुम गैरों की बातों पर करने लगे हो,
मोहब्बत कमजोर पड़ गयी मेरी या तुम बदलने लगे हो,
साथ जीने की हसरत नहीं रही तुम्हारी,
इसीलिए बिना बात मुकरने लगे हो,
अब नुमाइशें न कर अपनी बातों का,
जहर सा असर होता है तेरे वादों का I
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मोहब्बत कमजोर पड़ गयी मेरी या तुम बदलने लगे हो,
साथ जीने की हसरत नहीं रही तुम्हारी,
इसीलिए बिना बात मुकरने लगे हो,
अब नुमाइशें न कर अपनी बातों का,
जहर सा असर होता है तेरे वादों का I
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