...

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मां तेरे लिए
मां नहीं थी वो, पर कुछ कम नहीं,
रिश्ता बनाया था, और बिन कुछ कहे निभाया, यूं चुपके चुपके, जमाने से छुप कर
दिखावा आता नहीं था उन्हें,
बस अपने में ही गुम होकर रह गए,
भीड़ में अपनों के बीच अकेले रह गए
खून का रिश्ता शायद खून से बना होगा, पर कुछ रिश्ते दिल से हुआ करते हैं, दूर रहकर भी एक दूजे से निभाया करते हैं
मां बस मां होती है,
सब के लिए सब के लिए
ऐसी एक मां के लिए

© Dr. Jyoti Prakash Rath