जीवन पथ
जीवन पथ पर चलते चलते
क्या खोया क्या पाया है
आपा भूल अपना पराया में
भटकते मोह लोभ बढ़ाया है
सत्संग छोड़ कुसंग अपनाया है
इंद्रिय विकारों ने भरमाया...
क्या खोया क्या पाया है
आपा भूल अपना पराया में
भटकते मोह लोभ बढ़ाया है
सत्संग छोड़ कुसंग अपनाया है
इंद्रिय विकारों ने भरमाया...