Kuch Maa Ke Naam ✨
तुम भी अपना ख्याल रखना,
मैं भी मुस्कुराऊंगी।
इस बार जून के महीने में मां,
मैं मायके नहीं आ पाऊंगी।
बचपन की वो सारी यादें,
दिल में मेरे समायी हैं।
बड़े लाड़ से पाला,
कहके कि तू पराई है।
संस्कार मुझको दिए वो सारे,
हर दर्द सिखाया सहना।
जिसके आंचल में बड़े हुए,
आ गया उसके बिन रहना।
इंतजार में बीत जाते हैं,
यूं ही महीने ग्यारहा।
जून के महीने में जाके,
देखती हूं चेहरा तुम्हारा।
कितने भी पकवान बना लूं,
कुछ भी नहीं अब भाता है।
तेरे हाथ का बना खाना,...
मैं भी मुस्कुराऊंगी।
इस बार जून के महीने में मां,
मैं मायके नहीं आ पाऊंगी।
बचपन की वो सारी यादें,
दिल में मेरे समायी हैं।
बड़े लाड़ से पाला,
कहके कि तू पराई है।
संस्कार मुझको दिए वो सारे,
हर दर्द सिखाया सहना।
जिसके आंचल में बड़े हुए,
आ गया उसके बिन रहना।
इंतजार में बीत जाते हैं,
यूं ही महीने ग्यारहा।
जून के महीने में जाके,
देखती हूं चेहरा तुम्हारा।
कितने भी पकवान बना लूं,
कुछ भी नहीं अब भाता है।
तेरे हाथ का बना खाना,...