shehar
किस गली और किस शहर की अब हम बातें करें,
अब तो हर शहर और हर कसबे में है ठिकाना तेरा,
ज़रा सी खामोशियाँ और अकेलेपन की ही तो तलाश थी,
हर मुसाफिर से जब मिला तो सबकी ज़ुबाँ पे था सिर्फ...
अब तो हर शहर और हर कसबे में है ठिकाना तेरा,
ज़रा सी खामोशियाँ और अकेलेपन की ही तो तलाश थी,
हर मुसाफिर से जब मिला तो सबकी ज़ुबाँ पे था सिर्फ...