...

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तुम्हारी आँखे
अधिक शिक्षित नहीं हूँ मैं
पर उतना अवश्य हूँ
जितना मेरा
आवश्यकताओं से नाता है
मेरे साक्षर होने का प्रमाण
स्वयं तुम्हारी आँखे है
उन्हें पढ़ पाना
मुझे भली-भाँति आता है
ये अलग बात है कि
तुम्हारी शिक्षा का अभिमान
उन्हें
मुझसे चुराता है
पर ऐसा भी नहीं है कि
उन्हें पता नहीं है
कि उन्हें भी मेरा उन्हें पढ़ना
बहुत भाता है

© Ninad