...

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आरज़ू 💌
सदियों से तरसी में सुखी ज़मी
वो बादल आवारा है...

मेरी जुबां पर ठहरी मन्नते
वो टूटने को बेचन सितारा है...

फिर रही में दरबदर! क्या?
वो मुझे मयस्सर सहारा है...

है जलने की आरजू मुझे
वो एक अंगारा है....