एक प्रेमिका अपने प्रेमी से और क्या चाहती है?
मैं उसके प्रेम में हूँ उसके सुख दुख में हूँ
उसके ख़यालों को हक़ीक़त बनाने में हूँ
उसकी ख़ुशी के लिए दिन रात प्रयत्नशील हूँ
. प्रेम को परिभाषित करने के लिए
कुछ कहता नहीं कुछ लिखता नहीं
उसे शब्दों में बयां करना भी चाहूं तो
उसका नाम लिखकर आगे बढ़ता नहीं
मुझे उसका पास रहना अति प्रिय है
दूर रहकर उसकी वाणी से उसे एहसास...
उसके ख़यालों को हक़ीक़त बनाने में हूँ
उसकी ख़ुशी के लिए दिन रात प्रयत्नशील हूँ
. प्रेम को परिभाषित करने के लिए
कुछ कहता नहीं कुछ लिखता नहीं
उसे शब्दों में बयां करना भी चाहूं तो
उसका नाम लिखकर आगे बढ़ता नहीं
मुझे उसका पास रहना अति प्रिय है
दूर रहकर उसकी वाणी से उसे एहसास...