किसान
गरीबी की चादर कितनी मोटी है
फिर भी ठंड इनको ही क्यों लगती है
गर्मी मै तोह बदन लाल है
पर किसको किसकी परवाह है।
रोज मरते है खाने को
पर खुदारी अभी बाकी है ।
भले दो वक़्त...
फिर भी ठंड इनको ही क्यों लगती है
गर्मी मै तोह बदन लाल है
पर किसको किसकी परवाह है।
रोज मरते है खाने को
पर खुदारी अभी बाकी है ।
भले दो वक़्त...