अकेलापन
लोग कहते हैं ना जाने अकेलापन क्यों इतना भाता है,
अक्सर कुछ बातों में ही वक्त निकल जाता है।
न जाने क्यों ऐसा होता है निकल आते हैं आंसू,
नहीं रोक पाता इन आंसुओं को होता जब भी अकेला हु ।
अकेलेपन से दिल ना जाने क्यों घबरा रहा है,
मुझे वह तेरी बातें फिर से याद दिला रहा है।
वह मेरी हंसी तो काफी पहले ही भुला चुका है,
मेरा अकेलापन मुझे खुद ही खुद से मिला चुका है।
अकेला रहना और अकेलेपन में रहना दो अलग पहलू है,
अकेले रहना तुम्हारी सच्चाई बताता है और अकेलेपन में रहना खुशी देता है।
वो मुझे तेरे साथ बिताए हुए पल फिर याद दिला रहा...
अक्सर कुछ बातों में ही वक्त निकल जाता है।
न जाने क्यों ऐसा होता है निकल आते हैं आंसू,
नहीं रोक पाता इन आंसुओं को होता जब भी अकेला हु ।
अकेलेपन से दिल ना जाने क्यों घबरा रहा है,
मुझे वह तेरी बातें फिर से याद दिला रहा है।
वह मेरी हंसी तो काफी पहले ही भुला चुका है,
मेरा अकेलापन मुझे खुद ही खुद से मिला चुका है।
अकेला रहना और अकेलेपन में रहना दो अलग पहलू है,
अकेले रहना तुम्हारी सच्चाई बताता है और अकेलेपन में रहना खुशी देता है।
वो मुझे तेरे साथ बिताए हुए पल फिर याद दिला रहा...