गुरु वंदना
गुरु कृपा बिना क्या कभी मिलते हैं श्याम,
कृपा बिना कहां कभी कहीं मिले हैं श्याम।
निग्रह ‘मन’ को करना गुरु देतें है ज्ञान,
स्थित ‘मन’ हो जाए तो लग जाता है ध्यान,
वही...
कृपा बिना कहां कभी कहीं मिले हैं श्याम।
निग्रह ‘मन’ को करना गुरु देतें है ज्ञान,
स्थित ‘मन’ हो जाए तो लग जाता है ध्यान,
वही...