...

1 views

युद्ध न्याय कब से हुआ
कहा जाता है की महाभारत का युद्ध द्रोपदी के वजह से हुआ उनको न्याय दिलाने के लिए पर क्या सच में उनको न्याय मिला?
न्याय के लिए युद्ध करना क्यों जरूरी है ? युद्ध करने पर एक पक्ष की पराजय और दूसरे पक्ष की विजय होती है ,मुझे नहीं लगता की उसे न्याय कहना चाहिए। क्योंकि युद्ध में तो दोनों पक्ष हारते अपने मित्र अपने सगे संबंधी तो वो न्याय कैसे हुआ। अगर उन्हें न्याय देना होता तो उसी सभा में देते जहां पर द्रोपदी का चीर हरण हुआ था, क्योंकि राजा के लिए रक्त संबंध से बड़ा न्याय होता है ,जब उस सभा में उन्हे न्याय नहीं बल्कि द्रोपदी के चीर हरण के मुआवजे के रूप में उनके पराधीन पति की आजादी दी जब राज्य सभा जहां पर सब कुछ हुआ वहां पर न्याय नहीं मुआवजा मिला तो फिर युद्ध वो कहां से उन्हें न्याय देगा युद्ध तो सिर्फ संबंधों की आहुति लेता है। युद्ध द्रोपदी के वजह से नहीं हुआ युद्ध हुआ लालसा लालच और हिस्सेदारी के वजह से बल्कि लालच लालसा हिस्सेदारी और युद्ध के वजह से द्रोपदी ने खोया अपना सम्मान, स्वाभिमान, अपने पुत्र, अपने पिता,भाई,सगे - संबंधी सब और उन्हें मिला न्याय के रूप में अभिमन्यु की मौत, अपने पांच बेटों की मौत,12 साल का वनवास और 1 साल का अज्ञातवास उसमें भी सहना पड़ा कीचक की कुदृष्टि और रानी होकर भी नौकरानी बनने का सौभाग्य दिया। युद्ध ने सब दिया विजय, पराजय, घृणा, तिरस्कार, खुशी, दुःख, आंसू युद्ध जो नहीं दे पाया वो है न्याय।

© freedom