और फिर मैंने जाना कि..
और फिर मैंने जाना कि
कैसे एक लफ़्ज़ तुम्हें चुप करा सकता है
कैसे इक चाँद तुम्हें हज़ारों रातें जगा सकता है
कैसे इक ख़याल तुम्हें दुनिया भुला सकता है
कैसे इक शख़्स जीते जी जान से जा सकता है
कैसे इक लम्हा पूरी ज़िन्दगी दोहरा सकता है...
कैसे एक लफ़्ज़ तुम्हें चुप करा सकता है
कैसे इक चाँद तुम्हें हज़ारों रातें जगा सकता है
कैसे इक ख़याल तुम्हें दुनिया भुला सकता है
कैसे इक शख़्स जीते जी जान से जा सकता है
कैसे इक लम्हा पूरी ज़िन्दगी दोहरा सकता है...