ज़िन्दगी के रंग हज़ार।
ज़िन्दगी के रंग हज़ार
तुम क्यो हो गए बिमार।
बाहर निकल कर देखो
इन रंगो संग खेलो।
खुशियों को गले लगा कर
तुम ख़ुद को नए ढंग मे देखो।...
तुम क्यो हो गए बिमार।
बाहर निकल कर देखो
इन रंगो संग खेलो।
खुशियों को गले लगा कर
तुम ख़ुद को नए ढंग मे देखो।...