मोहब्बत
तेरे आँसुओं का मेरे आँसुओं से बंधन जोड़-कर
हर धर्मों, मज़हबों, रीति-रिवाजों की झुटी कसमों कि दिवारों को तोड़-कर...
हर धर्मों, मज़हबों, रीति-रिवाजों की झुटी कसमों कि दिवारों को तोड़-कर...