भरा समंदर सा
भावनाओं से भरा समंदर मेरे अंदर
कुछ कह पता बाकी सब रह जाता
मेरे अंदर
तू दूर रहती चटानो के पीछे
मैं रोज उन चटानों से टकराता
जब भी...
कुछ कह पता बाकी सब रह जाता
मेरे अंदर
तू दूर रहती चटानो के पीछे
मैं रोज उन चटानों से टकराता
जब भी...