...

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सपनों में मिलते हैं वो.....✍
सपनों में मिलते हैं वो,
जिन्हें ख्बाबों में तलाशा करते हैं,
इक तस्वीर सी उमड़़ आती हैं,
इक चेहरा नजर आता हैं,

अब तारीफ करुँ क्या उसकी,
खुदा का नूर नजर आता हैं,
जब आता है मेरा महबूब,
तो वक़्त ठहर जाता है,

हाल - ए - दिल ब्यान करती है आँखें,
प्यार का बवण्डर सा उमड़़ आता है,
करते हैं बातें रातभर,
दोनों को सुकून मिल जाता हैं,

कोशिश करता हूँ जब,
लेने की उसे बाहों में,
वो शरमा कर चुपके से,
मेरे दिल में छुप जाता हैं,

अगली सुबह जब,
निकलता हूँ किसी राह पर,
मुझे हर चेहरे में,
उसका चेहरा नजर आता है.....

© 𝙉𝙞𝙨𝙝𝙖𝙣𝙩 𝙂𝙖𝙧𝙜.....✍