...

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दुनिया झूठ की
दुनिया झूठ की , झूठ का ही चहुँ ओर बोलबाला है ,
सत्य खड़ा कटघरे में , फ़रेब में लिप्त हुआ आला है।

ज़मीर बेच नवाब बने , ह्रदय कुटिलताओं से भरपूर है,
रिश्तों को ताक पर रख , मानुष लोभ के मद में चूर है।

अहम आत्मसात कर , झूठ की बाज़ार ही सजती है ,
सत्य...