वो याद काफी नहीं
जो सुबह को आती नहीं
और शाम को जाती नहीं
उसके चेहरे के शिवा
और कोई भाती नहीं...
और शाम को जाती नहीं
उसके चेहरे के शिवा
और कोई भाती नहीं...