जब अपने पराए होते हैं
जब अपने पराए होते हैं
अंतर्मन खुद कैसे खोता है
मुस्कान रहती है चेहरे पे
पर दिल अंदर से रोता है
वो बात पुरानी उनसे हुई
वो बनी कहानी उनसे हुई
वो एक एक बात कही उनकी
वो एक एक बात सुनी उनकी
सब कुछ दिल ग़म में डूबोता है
जब अपने पराए होते हैं
अंतर्मन खुद कैसे खोता है
दिन की वो शुरुआत उन्हीं से
रातों के भी ख़्वाब उन्हीं से
चाँद...
अंतर्मन खुद कैसे खोता है
मुस्कान रहती है चेहरे पे
पर दिल अंदर से रोता है
वो बात पुरानी उनसे हुई
वो बनी कहानी उनसे हुई
वो एक एक बात कही उनकी
वो एक एक बात सुनी उनकी
सब कुछ दिल ग़म में डूबोता है
जब अपने पराए होते हैं
अंतर्मन खुद कैसे खोता है
दिन की वो शुरुआत उन्हीं से
रातों के भी ख़्वाब उन्हीं से
चाँद...