मेरी माँ
माँतूने मुझे अपना शरताज बनाकर रखा है ,
इस टूटे-फूटे मकान में भी राजकुमार बनाकर रखा है।
बिना फिक्र किए निकल जाता हु मैं घर से ,
तुमने जो दुआओं का मेरे सिर पर घेरा बना रखा है।
रब की इबादत में,तेरी खुशी की दुआ करता हु,...
इस टूटे-फूटे मकान में भी राजकुमार बनाकर रखा है।
बिना फिक्र किए निकल जाता हु मैं घर से ,
तुमने जो दुआओं का मेरे सिर पर घेरा बना रखा है।
रब की इबादत में,तेरी खुशी की दुआ करता हु,...