...

13 views

मेरी माँ
माँतूने मुझे अपना शरताज बनाकर रखा है ,
इस टूटे-फूटे मकान में भी राजकुमार बनाकर रखा है।
बिना फिक्र किए निकल जाता हु मैं घर से ,
तुमने जो दुआओं का मेरे सिर पर घेरा बना रखा है।

रब की इबादत में,तेरी खुशी की दुआ करता हु,
तेरे रूप में खुदा ने फरिश्ता जो भेज रखा है ।
दुआ देता रहूंगा हमेशा भर-भर कर उसमे ,
जिस पल्लू मैं तूने मुझे बालाओं से छुपाकर रखा है।

बहा दूंगा कतरा-कतरा कर लहू , तुझपर जान न्यौछावर है,
अगर बदले में तेरी मुस्कान मिले तो मेरी जान में किया रखा है।

माँ तूने हनीफ को शरताज बनाकर रखा है ,
अपने इस लाल को राजकुमार बनाकर रखा है ।

© All Rights Reserved