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पहचान
#पहचान
बनेगा जो सास्वत वही आधार होगा,
पहचान तेरा नाम अपितु काम होगा;
आख़िरी सांस लेने से पहले।
तुझे हरकदम सोचकर रखना होगा,
निश्चल धारा सा हरपल बहना होगा;
बिना डगमगाये बस सहले।
शीतल झोंकें करें फिर देखिए तृप्त,
जगा अहसासों को जो हो गए सुप्त;
रहे ध्यान ये मत रूह जले।
समस्याओं से भी तुम्हें जूझना होगा,
विजय परचम लहराना जरूर होगा;
कठिन चाहे राह कितने भले।
© Navneet Gill
बनेगा जो सास्वत वही आधार होगा,
पहचान तेरा नाम अपितु काम होगा;
आख़िरी सांस लेने से पहले।
तुझे हरकदम सोचकर रखना होगा,
निश्चल धारा सा हरपल बहना होगा;
बिना डगमगाये बस सहले।
शीतल झोंकें करें फिर देखिए तृप्त,
जगा अहसासों को जो हो गए सुप्त;
रहे ध्यान ये मत रूह जले।
समस्याओं से भी तुम्हें जूझना होगा,
विजय परचम लहराना जरूर होगा;
कठिन चाहे राह कितने भले।
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