...

11 views

परछाई बयाँ करती है
अपने होने का एहसास,
परछाई बयाँ करती है
ज़िंदगी भर का सहवास,
परछाई बयाँ करती है

चाहे तुम अच्छे हो या बुरें,
मुखौटे में हो, या हो खुलें चेहरे
अपना अपनाईं का विश्वास,
परछाई बयाँ करती है

काम ग़लत करों यां सही,
सोच समझ हो या नहीं
पर तुम हो उसके लिए ख़ास,
परछाई बयाँ करती है

और बहुत कुछ है बाकी ख़सरा,
"पहल" एक ही है, नहीं कोई दूसरा
उसके साथ ही है, तुम्हारी सांस,
परछाई बयाँ करती है
_पहल