...

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कविता
अब जिंदगी की गुलामी नहीं है
मुश्किल तो सफ़र पर
विश्वास नहीं है सफर में
खुद पर चलों विश्वास नहीं है
रंगों में पर,,जिंदगी का रंग बना सको
छोटी छोटी खुशियां उपहार नहीं है
ढूंढ सको तोहफें तो चलो ,
खुद पर विश्वास नहीं ,अब कोई जिंदगी की गुलामी नहीं है