हवा
ए बेपरवाह हवा
तू इतनी चंचल क्यों ?
तू छूती भी शोर से
और तुझमें ही इतना सुकून क्यों ?
लड़ती है तू बादलों से
और तेरी राहें तेज़ क्यों ?
तू महसूस होती है
तू राहत भी बनती है।
पर जब...
तू इतनी चंचल क्यों ?
तू छूती भी शोर से
और तुझमें ही इतना सुकून क्यों ?
लड़ती है तू बादलों से
और तेरी राहें तेज़ क्यों ?
तू महसूस होती है
तू राहत भी बनती है।
पर जब...