✨✨✨✨✨✨
खामोशी से ये रात हमे देख रही है
देख रहें है हम भी इस अंधेरे को
जुगनू चमक रहें है और पंछी सोए हैं
मद्धम मद्धम ये हवा भी बह रही है
और इस अंधेरी रात में हम खोए हुए है
तारों को देख रहें है चंदा को निहार रहें है
सोच में डूबे हुए है
और डूबते ही जा रहें है
कभी मुस्कान है चहरे पर तो
कभी छाई हुई होती है उदासी
कभी रोते हैं तो
कभी खुद की सुनते है हसीं की किलकारी
पर जो भी हो रहा है ये हसी ये उदासी
हैं सब हमारे सोच में
सामने हैं एक ऐसा चेहरा
जिसे देख कोई समझ भी न पाए
क्यूंकि है नहीं कोई मुस्कान न है कोई उदासी
जी रहें है बस और चल रहें हैं सफर में
बन के खुद के ही हमराही।।
© Aaliya
देख रहें है हम भी इस अंधेरे को
जुगनू चमक रहें है और पंछी सोए हैं
मद्धम मद्धम ये हवा भी बह रही है
और इस अंधेरी रात में हम खोए हुए है
तारों को देख रहें है चंदा को निहार रहें है
सोच में डूबे हुए है
और डूबते ही जा रहें है
कभी मुस्कान है चहरे पर तो
कभी छाई हुई होती है उदासी
कभी रोते हैं तो
कभी खुद की सुनते है हसीं की किलकारी
पर जो भी हो रहा है ये हसी ये उदासी
हैं सब हमारे सोच में
सामने हैं एक ऐसा चेहरा
जिसे देख कोई समझ भी न पाए
क्यूंकि है नहीं कोई मुस्कान न है कोई उदासी
जी रहें है बस और चल रहें हैं सफर में
बन के खुद के ही हमराही।।
© Aaliya