...

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मै मुस्कान
मिटा कर किसी की
उदासी , मन करता है उसके
चेहरे की मुस्कान बन जाऊ.....

पर जरूरी है पहले अपने
गमो से तो उभर पाऊं.....

जीवन की इस बहती धारा में
मन करता है , डूब रहे किसी का सहारा
बन जाऊ.......
ये तभी मुमकिन है जब खुद
का किनारा ढूंढ पाऊं.........

राहों में बिछे हो जो कांटे किसी
के , मन करता है मै सुगन्धित कोमल
पुष्प बन जाऊ..... पर जरूरी है
पहले अपना गुलशन तो मेहकाऊ

अगर किसी को खुशी देनी है तो
पहले खुद को खुश रखना सीखो

तुम्हारा ये मुरझाया सा चेहरा क्या?
खुशियों के दीप जलाएगा , जरा सी
रखो होठों पर मुस्कान फिर देखना
जीवन कैसे उज्वल जगमगाएगा"।

आपकी प्यारी ✍️...…।
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