...

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आवारगी
#रहने-दिया
जो छूटा जहांँ उसको वहीं पर रहने दिया।
सोचा नहीं था जो हुआ उसे होने दिया।
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
जो दिल में आया ज़बान से कहने दिया।
मेरे इख्तियार में कहांँ रही है ज़िन्दगी,
ना खुद आराम से बैठी ,न मुझे बैठने दिया।

© ✍️nemat🤲