नज़र नहीं आता।
हर पल नज़रों में बसकर भी नजर नहीं आता,
हर क्षण ख्याल उसी का रहता है
पर चेहरा नजर नहीं आता,
ऐसा कौन है जो ख्वाबों में आकर तड़पा जाता है,
मजबूर करता है सोचने पर,
कौन है वो ये सोच सोच कर
दिन मेरा गुज़र जाता है,
क्या कहूं कि वो सपना है या सच,
जो भी है वो रूह से जुड़ता है मेरी,
वो दिन भर मेरे ख्वाबों ख्यालों में रहता है,
ना जाने कब से वो मेरी धड़कन में बसता है,
अब तो मुस्कुराना भी उसके ख्याल से है,
और जीने का वो ही मुकाम लगता है।।
हर क्षण ख्याल उसी का रहता है
पर चेहरा नजर नहीं आता,
ऐसा कौन है जो ख्वाबों में आकर तड़पा जाता है,
मजबूर करता है सोचने पर,
कौन है वो ये सोच सोच कर
दिन मेरा गुज़र जाता है,
क्या कहूं कि वो सपना है या सच,
जो भी है वो रूह से जुड़ता है मेरी,
वो दिन भर मेरे ख्वाबों ख्यालों में रहता है,
ना जाने कब से वो मेरी धड़कन में बसता है,
अब तो मुस्कुराना भी उसके ख्याल से है,
और जीने का वो ही मुकाम लगता है।।