...

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जीवन का आधार -- मां
मां....
एक ऐसा एहसास
जिसके आगे फीके से लगते हैं
हर जज़्बात
मां....
जिसकी सांचे में ढल कर
हम सब ने पाया जीवन का आधार नया
सोचो गर मां न होती
तो ये जीवन कितना निराधार होता
ममत्व की एक झलक पाने को
व्याकुल मन हर घड़ी है रोता
मां से जुड़ी है यहां हर प्राणी की आस
मां नहीं तो जग अंधकारमय
मां है तो जगत में है प्रकाश।

अपनी मां को हर विकट परिस्थिति में
मैंने अपने पास है पाया
आज न जाने क्यों उन पर हे प्रभु
तुम ने अपना कहर है बरपाया।
लौह स्त्री की अटूट मिसाल
मैंने मां को हर क्षण मज़बूत है पाया
तेरा कलेजा नहीं कांपा प्रभु
जो तूने मां को ऐसा दिन है दिखलाया।

हर पहर,हर रोज़ तुम्हारी वंदना करते नहीं थकती
उस मां के लिए आज है परिक्षा की घड़ी
गर देनी ही है तो मुझे कष्ट दे
मेरी मां की झोली हमेशा रहे हरी भरी

तुझे करती हूं नमन इस आस के साथ
तू हरेगा कष्ट हमारे
दिलाएगा हमें इस परेशानी से निजात
मेरी मां को फिर से वो ख़ुशियां लौटा दे
उन्हें सदा हंसता हुआ देखूं मैं
ऊपरवाले उन्हें लंबी उम्र की दुआ दे
उन्हें लंबी उम्र की दुआ दे
😭



© Aphrodite