...

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चाहत
देखा मैंने चांद को मुस्कुराते हुए
देखा मैंने तुझे नजरें झुकाते हुए

ज़िन्दगी मदहोश हो जाती है जब
इधर की नजर उधर टकरा जाती है,

मैंने दुआओं में तेरा साथ मांगा है
सितारों से मैंने तेरा हाथ मांगा है,

हकीकत कहां लगती है ये दुनिया
मैंने आसमानों में तेरा ख्वाब चाहा है,

छिपाकर चाहना क्या कोई चाहना है
अब तुझमें तो मुझे दुनिया बसाना है,

मेरे प्यार को पुरे जहां में दिखाना है,
तुझसे मुझे उम्र भर का क़ैद होना है,

मेरी सारी ख्वाहिशें अब सिर्फ तुझसे है
मेरी चाहत, मेरी ज़ुनून सिर्फ तुझसे है।


© sritika