मुझे तुम कैसा रोजगार दे पाओगे?
वो सूखे कागजों के ज्ञान
आसपास से मिलता अज्ञान
खुद से कुछ ना कर सकने का भान
मुझे तुम कैसा रोजगार दे पाओगे
और अगर दे पाओगे तो क्या
मुझे भ्रष्टाचार करने से रोक पाओगे?
हम तो हैं प्रोडक्ट
बचपन से लेकर अभी तक
छोटी-छोटी बातों को लेकर बने
जो इस समाज ने और शिक्षा ने भरे
पर यह एहसास भी
तुम मुझ में कैसे देख पाओगे
यूं तो है यूट्यूब पर बहुत सा ज्ञान भी
Ted talk भी, हार्वर्ड प्रोफेसर का ज्ञान भी
सोचना तो कभी सीखा नहीं, सीखा तो सिर्फ रटना
ज्ञान लेने का संघर्ष भी कैसे करा पाओगे
टिकटाॅक में ही बस टैलेंट खोज पाओगे
मुझे तुम कैसा रोजगार दे पाओगे
मजदूर कितनों को बनाओगे
हां इलेक्शन आएगा तो नंबर बढ़वाओगे
क्या भारत को सिर्फ मजदूरों का देश बनाओगे
शिक्षा में सोचने की...
आसपास से मिलता अज्ञान
खुद से कुछ ना कर सकने का भान
मुझे तुम कैसा रोजगार दे पाओगे
और अगर दे पाओगे तो क्या
मुझे भ्रष्टाचार करने से रोक पाओगे?
हम तो हैं प्रोडक्ट
बचपन से लेकर अभी तक
छोटी-छोटी बातों को लेकर बने
जो इस समाज ने और शिक्षा ने भरे
पर यह एहसास भी
तुम मुझ में कैसे देख पाओगे
यूं तो है यूट्यूब पर बहुत सा ज्ञान भी
Ted talk भी, हार्वर्ड प्रोफेसर का ज्ञान भी
सोचना तो कभी सीखा नहीं, सीखा तो सिर्फ रटना
ज्ञान लेने का संघर्ष भी कैसे करा पाओगे
टिकटाॅक में ही बस टैलेंट खोज पाओगे
मुझे तुम कैसा रोजगार दे पाओगे
मजदूर कितनों को बनाओगे
हां इलेक्शन आएगा तो नंबर बढ़वाओगे
क्या भारत को सिर्फ मजदूरों का देश बनाओगे
शिक्षा में सोचने की...