बोल दू
अब आ तो गया हु पर बोलूंगा क्या,
होठ सीले है ये राज़ खोलेगा क्या,
वो कितनी सुंदर दिख रही है,
सूट और बिंदी उसकी खिल रही है।
काफी मे वैसे पीता नही,
पर आज ये भी मीठी लग रही है,
वो बोलती बहुत कम है,
चेहरे पे सादगी उसके दिख रही...
होठ सीले है ये राज़ खोलेगा क्या,
वो कितनी सुंदर दिख रही है,
सूट और बिंदी उसकी खिल रही है।
काफी मे वैसे पीता नही,
पर आज ये भी मीठी लग रही है,
वो बोलती बहुत कम है,
चेहरे पे सादगी उसके दिख रही...