कोई खास नहीं
कोई तुमसे कौन हूं मैं, तुम कह देना कोई खास नहीं
एक दोस्त है पक्का कच्चा सा,
एक झूठ है आधा सच्चा सा,
जज़्बात से ढका एक पर्दा है ,
एक बहाना कोई अच्छा सा ,एक ऐसा साथी है
जो पास होकर भी पास नहीं ,
कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं, तुम कह देना कोई खास नहीं।
एक साथी जो कुछ अनकही सी बातें कह जाता है,
यादों में जिसका धुंधला सा अक्स रह जाता...
एक दोस्त है पक्का कच्चा सा,
एक झूठ है आधा सच्चा सा,
जज़्बात से ढका एक पर्दा है ,
एक बहाना कोई अच्छा सा ,एक ऐसा साथी है
जो पास होकर भी पास नहीं ,
कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं, तुम कह देना कोई खास नहीं।
एक साथी जो कुछ अनकही सी बातें कह जाता है,
यादों में जिसका धुंधला सा अक्स रह जाता...