...

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मेरी अभिलाषा✍️
तुम जैसी हो वैसी ही रहना

न कम न ज्यादा रहना
वस जैसी हो सदा वैसी ही रहना..

ओढकर जिम्मेदारियो का गहना
अपने कर्तव्य निभाती रहना !

प्रगति के नित नये
सोपान गढते रहना !

अपनो को अपनत्व देना
और गैरो को भी अपना बनाकर रखना !

तुम जैसी हो
बस बैसी ही रहना
न कम न ज्यादा रहना ....


परिवार का साथ लेकर
जीवन के हर पड़ाव को
पार करती रहना ...

वस यूँ ही परिवार के हर दायित्व को
बखूबी...