गर्दन वही ऊँची हैं जो गुरु से शिक्षित है!
गुरु पहले अपने शिष्य की गर्दन को नीचे करवाता है, फिर ऊँची करवाता है, गुरु अपने शिष्यों की गर्दन को नीचे इसलिए करवाता है क्योंकि जिस गर्दन को तुम पहले ऊँची करके चल रहे थे वह सही अर्थों में ऊँची गर्दन नहीं थी, अगर मूढ़ता और भ्रम से भरी गर्दन को जीवन भर ऊपर...