10 views
सफरनामा
दुनिया का यही दस्तूर है
सुनो तुमको भी निभाना है
निभा ली बेटी की जिम्मेदारी
अब बहु का फर्ज निभाना है
ये बेटी से बहु तक का सफर
आसान नही होता है ये डगर
कही खुशियो की बारात है
तो बनती कही दर्द का कहर
बिखर जाते है सपने कई
बिछड़ जाते अपने सभी
कैसा ये रिवाज बनाया है
हमारा घर किसे ठहराया है ...!
सुनो तुमको भी निभाना है
निभा ली बेटी की जिम्मेदारी
अब बहु का फर्ज निभाना है
ये बेटी से बहु तक का सफर
आसान नही होता है ये डगर
कही खुशियो की बारात है
तो बनती कही दर्द का कहर
बिखर जाते है सपने कई
बिछड़ जाते अपने सभी
कैसा ये रिवाज बनाया है
हमारा घर किसे ठहराया है ...!
Related Stories
26 Likes
7
Comments
26 Likes
7
Comments