उसकी आखें - जिंदगी (Part 4)
उसकी आँखों में छुपा है अनगिनत किस्सों का जहाँ,
जैसे चुपचाप कोई राज़ कह देती हों
हर बार।
गहरी रात जैसी, फिर भी चाँदनी सी उजली,
हर नज़र में बसी हो जैसे चाहत...
जैसे चुपचाप कोई राज़ कह देती हों
हर बार।
गहरी रात जैसी, फिर भी चाँदनी सी उजली,
हर नज़र में बसी हो जैसे चाहत...